रीवा। मऊगंज जिले के देवरा महादेवन में मंदिर परिसर में १७ नवंबर से धरना-प्रदर्शन चल रहा था, जहां पर हिन्दूवादी कार्यकर्ता लगातार अपनी मांग उठा रहे थे। इनका आरोप दूसरे समुदाय के लोगों पर था, इसके बावजूद मऊगंज जिले के प्रशासन ने लापरवाही पूर्वक काम करते हुए गंभीरता नहीं बरती। जिसकी वजह से दो समुदायों के लोग आमने-सामने आए और वर्ग संघर्ष की स्थिति बन गई।
मामला उस समय और बिगड़ा जब धरना दे रहे संतोष तिवारी ने खुद से अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया और वहां पर प्रशासन के लोग मौजूद रहे। दूसरे पक्ष के लोगों लाठी-डंडे और धारदार हथियार लेकर प्रदर्शन किया और पत्थर चलाए। जिसमें दोनों पक्षों से आठ से दस लोगों को चोटें पहुंची हैं। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है।
यह बवाल दो चरणों में हुआ, पहले धरना देने वाले संतोष तिवारी ने खुद से दीवार तोडऩा शुरू किया तो पत्थरबाजी हुई और बाद में विधायक प्रदीप पटेल पहुंचे तब कार्यकर्ता और उत्तेजित हो गए और नारेबाजी शुरू कर दी। विधायक ने जेसीबी बुलवाई और खुद खड़े होकर दीवार तोड़वाने का प्रयास किया। दूसरे पक्ष के लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसकी वजह से अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया।
– आईजी ने मौके का किया निरीक्षण, उपद्रवियों की तलाश
घटना की जानकारी मिलने पर आईजी महेन्द्र सिंह शिकरवार सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। कलेक्टर, एसपी से जानकारी लेने के बाद उन्होंने विवाद की वजह जानी और जहां पर उपद्रव हुआ उस स्थान का भी निरीक्षण किया। इसके बाद उपद्रवियों की तलाश शुरू हुई। दोनों पक्षों से करीब ३० से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कुछ घटना स्थल पर ही मौजूद पाए गए और कुछ को बाजार क्षेत्र से पकड़ा गया है। वहीं कइयों की पहचान के बाद उनके घरों से उठाया गया है। देर रात तक अधिकारियों ने पूरे मामले के निराकरण को लेकर बैठकें की।
– बाहर से आने वाले लोगों को रोका
विवाद की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए जैसे ही फैली, दोनों पक्षों से जुड़े लोग देवरा महादेवन गांव पहुंचने लगे। लगातार गांव में बाहर से आ रहे वाहनों को पुलिस ने रोक दिया और बाहर से आने वाले लोगों की तस्दीक के बाद ही गांव में प्रवेश दिया जा रहा है। गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है। स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित होने के बाद ही पुलिस यहां से हटाई जाएगी।
– चार महीने पहले भी उठा था विवाद
देवरा महादेवन में चार महीने पहले भी विवाद की स्थिति बन रही थी। हालांकि उस दौरान कलेक्टर-एसपी ने मौके पर पहुंचकर आश्वासन दिया था कि अतिक्रमण हटाकर इस स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस दौरान कलेक्टर ने धरना देने वालों के साथ ही गंगा आरती भी मौके पर की और कहा कि प्रशासन इसका निराकरण करेगा। दो महीने का समय दिया गया था लेकिन अब चार महीने के बाद फिर से बवाल शुरू हो गया है।
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दोनों ओर से होती रही नारेबाजी
दोपहर से ही स्थिति तनावपूर्ण हो रही थी। बीच में अतिक्रमण वाली दीवार है और एक पक्ष से जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारे जगाए जा रहे थे। दूसरी ओर से अल्ला हो अकबर के नारे लगाए जा रहे थे। हालांकि दूसरे पक्ष का आरोप है कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे भी लगाए गए हैं। विधायक ने भी इस आरोप की तस्दीक करते हुए कहा कि इस तरह के आरोप लगाने वालों से सख्ती के साथ निबटा जाएगा।
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छह घंटे से अधिक समय तक विधायक नजरबंद
विधायक प्रदीप पटेल को सायं करीब पांच बजे देवरा से हिरासत में लिया गया। जहां से पुलिस लेकर रीवा के पुलिस लाइन स्थित सामुदायिक भवन पहुंची। इसकी जानकारी मिलने पर उनके कुछ समर्थक मौके पर पहुंच गए। बढ़ती भीड़ को देखते हुए पुलिस ने विधायक को किसी से मिलने से रोक दिया। रात करीब ११ बजे के बाद तक विधायक नजरबंद रहे। इस दौरान उनके समर्थकों ने प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए और कहा कि विधायक जनता के मुद्दों के साथ हैं।
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