रीवा। सेना का रिटायर्ड जवान अपने घर के जेबर और नकदी लेकर जनसुनवाई में पहुंचा। आरोप लगाया कि तहसील और एसडीएम कार्यालय में रिश्वतखोरी चल रही है और उनकी भूमि को किसी और के कब्जे में दे दिया गया है। इसलिए रिश्वत के रूप में घर के गहने और रुपए लेकर पहुंचा और कहा कि हमसे ले लो रिश्वत और हमारी भूमि वापस करा दो। अटैची में गहने और नकदी लेकर पहुंचे योगेश कुमार तिवारी निवासी मलपार(अंजोरा) तहसील त्योंथर ने बताया कि वह सेना से हाल ही में वह सेवानिवृत्त हुए हैं। उनके पिता रमाशंकर तिवारी के नाम पर दर्ज भूमि पर विद्याधर तिवारी नाम के व्यक्ति ने कब्जा कर लिया है और शेड बनाकर आटा चक्की शुरू कर दिया है। साथ ही भूमि से आम रास्ता भी बना लिया है। कई बार मना किए जाने पर मारपीट और अभद्रता करने का प्रयास करता है। योगेश तिवारी ने बताया कि वह तीन भाई हैं सभी सेना में सेवाएं दे रहे हैं। वह भी सेवारत रहते हुए अधिकारियों से भी कई बार रीवा के कलेक्टर और एसडीएम को पत्र लिखवा चुके हैं। इसके बाद भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है।
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तहसील के अधिकारी-कर्मचारियों पर रिश्वत का आरोप
शिकायत लेकर पहुंचे योगेश कुमार तिवारी ने बताया कि त्योंथर के तहसील कार्यालय में खुले तौर पर रिश्वतखोरी चल रही है। रिश्वत लेकर ही उनकी भूमि को सरकारी रिकार्ड में दर्ज करा दिया गया है। जिसके लिए अब वह भटक रहे हैं। योगेश ने बताया कि घर के गहने और रुपए लेकर वह कलेक्टर कार्यालय आए हैं और कहा है कि यदि रिश्वत में ही काम करना है तो हमसे भी ले लो और हमारी भूमि वापस लौटा दो। आरोप लगाया कि एसडीएम संजय जैन के पास भी गए थे, उन्होंने भी कुछ नहीं सुना और एकतरफा निर्णय कराया है। पुस्तैनी भूमि को रिश्वत लेकर ही सरकारी कराया गया है। जिसमें एसडीएम की भूमिका की जांच होना चाहिए। इन आरोपों पर एसडीएम ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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फौजी हूं, इस जमीन के लिए जान देता भी हूं और लेता भी हूं
शिकायतकर्ता योगेश कुमार तिवारी ने कहा कि मैं फौजी हूं, भूमि को अपनी मां की तरह मानता हूं। इसकी रक्षा के लिए हम जान देते भी हैं और लेते भी हैं। वह हमारे लिए जमीन का टुकड़ा नहीं है। उसके लिए सबकुछ करूंगा। इसलिए पहले अपनी पूरी संपत्ति लेकर आया हूं कि जो लेना है ले लो और हमारी भूमि हमें लौटा दो।