Ayodhya Shri Ram Mandir : अयोध्या का राम मंदिर पहली ही बारिश में टपकने लगा। मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा- गर्भगृह में, जहां रामलला विराजमान हैं, वहां भी पानी भर गया। अगर एक-दो दिन में इंतजाम नहीं हुए, तो दर्शन और पूजन की व्यवस्था बंद करनी पड़ेगी। उन्होंने बताया- रात 2 से 5 बजे तक तेज बारिश हुई। इसके बाद मंदिर के गर्भगृह के सामने मंडप में 4 इंच तक पानी भर गया। मंदिर के अंदर लोगों को डर था कि कहीं बिजली का करंट न उतर आए। इसलिए सुबह 4 बजे होने वाली आरती टार्च की रोशनी में करनी पड़ी।
सुबह 6 बजे की आरती भी ऐसे ही हुई। आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा- गर्भगृह के अलावा भी जो छोटे मंदिर बने हैं,
वहां भी पानी भर गया है। इस पर ध्यान देना चाहिए कि जो बना है, उसमें क्या कमी रह गई? एक तो राम मंदिर से बारिश का पानी निकलने की जगह नहीं है। ऊपर से पानी भी चूने लगा, इससे अव्यवस्था हुई। अयोध्या में शनिवार- रविवार की रात 67 एमएम बारिश हुई, जिससे पूरे शहर में जगह-जगह पानी भर गया।
पहली मंजिल के निर्माण के चलते अंदर आया पानी
जलनिकासी ठीक नहीं होने के चलते यह दिक्कत हो रही हैं। पुजारी के मुताबिक, इसको जितनी जल्दी ठीक करवा लिया जाए, उतना अच्छा है। पानी को रात 10 बजे तक सुखाया जा सका। ये पानी क्यों भरा? इसके जवाब में उन्होंने बताया- पहली मंजिल पर निर्माण जारी है। वहां रॉड लगाने के लिए रहोल (छेद) छूटे हुए हैं।
राम मंदिर पर अब तक 1800 करोड़ का आया है खर्च
राम मंदिर में अभी सिर्फ एक फ्लोर तैयार है। इसी पर 1800 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। मुख्य शिखर, परकोटा, 5 छोटे शिखर 13 मंदिर, ट्रस्ट के ऑफिस, वीवीआईपी वेटिंग एरिया, यात्री सुविधा केंद्र, म्यूजियम, लाइब्रेरी और शोध संस्थान समेत कई काम बाकी है। मंदिर के डिजाइन एंड कंस्ट्रक्शन मैनेजर गिरीश सहस्त्रभोजनी बताते हैं कि बचे काम में 2000 करोड़ रुपए की और जरूरत पड़ सकती है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक, राम मंदिर के लिए अब तक 3200 करोड़ से ज्यादा का दान मिल चुका है।