Friday, February 7

रीवा। सांसद जनार्दन मिश्रा ने एक बार फिर कांग्रेस के दिवंगत नेता श्रीनिवास तिवारी और उनके परिवार पर हमला बोला है। स्व. तिवारी के नाती त्योथर के विधायक सिद्धार्थ तिवारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए सांसद ने कहा है कि वह भाजपा में मैदानी नेताओं को नहीं आने देना चाहते हैं। कई नेताओं का वह विरोध कर चुके हंै। सांसद ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय पर कई जिला और जनपद पंचायत सदस्यों एवं सरपंचों ने भाजपा की सदस्यता लेने की पेशकश की थी लेकिन उस दौरान सिद्धार्थ तिवारी ने ऐसे लोगों को पार्टी में शामिल कराए जाने का विरोध किया।

गंगेव के जनपद अध्यक्ष विकास तिवारी को भाजपा में शामिल कराए जाने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, आरोप है कि विकास अल्प आय वर्ग गृह निर्माण सोसायटी के अध्यक्ष भ्रष्टाचार किया था और उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई जा रही है। इस सवाल पर सांसद जनार्दन मिश्रा का कहना है कि विकास तिवारी भाजपा की विकासवादी नीतियों से प्रभावित थे। वह लंबे समय से भाजपा में आने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन कुछ लोग उनका भी विरोध कर रहे थे। अब विकास ने अपने हजारों समर्थकों के साथ भाजपा ज्वाइन किया है, इससे पार्टी को मजबूती मिलेगी।

– श्रीनिवास तिवारी का नाम फिर उछाला
कुछ दिन पहले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के विरुद्ध सांसद द्वारा की गई टिप्पणी पर बवाल मचा था। अब फिर से भ्रष्टाचार से स्व. तिवारी का नाम जोड़कर नाम उछाला है। सांसद मिश्रा ने कहा कि अल्प आय वर्ग गृह निर्माण सोसायटी पर आरोप अकेले विकास तिवारी के समय पर नहीं रहे हैं। इसका जन्म ही घोटाले के साथ हुआ था। श्रीनिवास तिवारी ने गठन कराया था तब से यह सोसायटी भ्रष्टाचार से घिरी रही है। यह भी कहा कि यह सोसायटी बिना सिर-बिना पैर की सोसायटी है। इस पर अब बात करने कोई मतलब नहीं है, क्योंकि इसमें बड़ा घपला है।

– जनपद अध्यक्ष की ज्वाइनिंग बढ़ाएगी टकराव
गंगेव जनपद अध्यक्ष विकास तिवारी की भाजपा में ज्वाइनिंग नेताओं के बीच टकराव बढ़ाएगी। क्योंकि लंबे समय से विकास भाजपा में आना चाह रहे थे, उनके ऊपर कई गंभीर अनियमितताओं के आरोप रहे हैं। विधायक सिद्धार्थ तिवारी भाजपा में उनकी ज्वाइनिंग का विरोध लगातार कर रहे थे। इसी के चलते सांसद और विधायक के बीच टकराव की शुरुआत हुई थी। अब सांसद ने पार्टी की सदस्यता दिला दी है, जिसके बाद से टकराव के आसार अधिक हैं। विकास और सिद्धार्थ एक ही गांव के निवासी हैं और उनकी ज्वाइनिंग में सिद्धार्थ को बायपास कर सांसद ने स्पष्ट संदेश दिया है। साथ ही खुलकर आरोप भी लगाए हैं।

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