रीवा। भाजपा में जिला अध्यक्ष पद के लिए पहली बार विस्तारित रूप से रायशुमारी की गई। जिसमें दावेदारी करने वाले नेताओं ने भी अपना दावा पेश किया है। वहीं अपेक्षित सदस्यों से निर्धारित फार्मेट में नाम पूछे गए और सायं प्रक्रिया पूरी करने के बाद निर्वाचन अधिकारी भोपाल के लिए रवाना हो गए। रीवा जिले में अध्यक्ष पद के निर्वाचन के लिए पूर्व मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह को जिम्मेदारी दी गई है। वह सुबह ही पार्टी कार्यालय पहुंच गए थे और अपेक्षित सदस्यों से अलग-अलग मुलाकात कर उन्हें फार्मेट देकर उसमें पसंदीदा नेताओं का नाम लिखने को कहा।

इसमें 65 लोगों की राय ली गई है। इसके लिए सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, विधानसभा प्रत्याशी, पूर्व जिला अध्यक्ष, प्रदेश पदाधिकारी, राष्ट्रीय पदाधिकारी, संभाग एवं जिला पदाधिकारी, मंडल अध्यक्ष, जिला प्रतिनिधि, नगर परिषदों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, जिला पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नगर निगम के स्पीकर, भाजपा पार्षद दल के नेता, मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश कोर ग्रुप के सदस्यों आदि को बुलाया गया था। जिसमें सांसद जनार्दन मिश्रा के साथ विधायकों की रायशुमारी फोन पर ली गई है। मनगवां विधायक नरेन्द्र प्रजापति इसमें पहुंचे थे।

निर्वाचन अधिकारी ने रायशुमारी में आए नामों का पूरा दस्तावेज लेकर सायं भोपाल के लिए रवाना हो गए। इस रायशुमारी को लेकर भाजपा कार्यालय में गहमा-गहमी बनी रही। इसके पहले भी जिला अध्यक्षों के चुनाव होते रहे हैं लेकिन इस तरह से बड़े पैमाने पर रायशुमारी नहीं होती थी। कुछ प्रमुख नेताओं से ही चर्चा कर अध्यक्ष का नाम घोषित कर दिया जाता था। इस बार मंडल अध्यक्ष और प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया था। इसके पहले अजय सिंह को जब अध्यक्ष बनाया गया था तब कोरोना का दौर था, उस समय भी रायशुमारी की प्रक्रिया हुई थी लेकिन कुछ ही नेताओं से चर्चा के बाद नाम घोषित हो गया था। उस समय अजय सिंह का नाम अप्रत्याशित रूप से सामने आया था।

– 14 दावेदारों ने अपना बायोडाटा पेश किया
भाजपा कार्यालय में जिला अध्यक्ष पद के लिए कई दावेदारों ने अपना बायाडाटा पेश किया है। चुनाव कराने जैसी प्रक्रिया नहीं अपनाई गई लेकिन कुछ लोगों ने बायोडाटा सौंपकर पार्टी का जिला अध्यक्ष बनने की इच्छा जताई है। वहीं कुछ लोगों ने बृजेन्द्र प्रताप सिंह से मुलाकात कर मौखिक रूप से कहा है कि वह भी जिला अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार हैं। इसमें प्रमुख रूप से अजय सिंह, वीरेन्द्र गुप्ता, माया सिंह, उमाशंकर पटेल, ममता गुप्ता, अशोक सिंह गहरवार, विभा पटेल, प्रबोध ब्यास, प्रज्ञा त्रिपाठी, विमलेश त्रिपाठी, अंजू मिश्रा, मनीषा पाठक, राजगोपाल चारी, प्रशांत पाठक, राजनारायण तिवारी, रविराज विश्वकर्मा आदि के नाम दावेदारों में बताए जा रहे हैं।

जातीय समीकरण साधना बड़ी चुनौती
इस बार जिला अध्यक्ष का पद जातीय समीकरणों के आधार पर किया जाना है। जिसमें रीवा संभाग के अन्य जिलों में होने वाले चयन को भी देखा जाएगा। रीवा में वैश्य समाज और ओबीसी वर्ग को साधने पर फोकस है। माना जा रहा है कि इसी वर्ग से अध्यक्ष का चयन किया जाएगा। रायशुमारी में वैश्य समाज के वीरेन्द्र गुप्ता का नाम सबसे अधिक लोगों ने बताया है। इनके साथ पूर्व महापौर ममता गुप्ता सहित अन्य नाम भी शामिल हैं। ओबीसी में अजय सिंह, माया सिंह, उमाशंकर पटेल का नाम अहम है। क्षत्रिय वर्ग से अशोक सिंह गहरवार का नाम भी कुछ लोगों ने प्रस्तावित किया है। एससी-एसटी और महिला वर्ग के लिए भी नाम दिए गए हैं। बताया जाता है कि करीब २० नामों का सुझाव सामने आया है।

मऊगंज में भी हुई रायशुमारी
मऊगंज जिला अध्यक्ष पद के लिए भी रायशुमारी की गई। जहां पर निर्वाचन अधिकारी सदानंद गौतम पहुंचे थे। अपेक्षित सदस्यों से तीन-तीन प्रमुखों नामों के बारे में जानकारी ली गई और एक नाम अनुसूचित जाति और जनजाति या फिर महिला वर्ग से पूछा गया। एक नाम प्रदेश प्रतिनिधि के लिए भी पूछा गया है। यहां पर वर्तमान अध्यक्ष राजेन्द्र मिश्रा के नाम का प्रस्ताव बड़ी संख्या में सदस्यों ने दिया है। इसलिए माना जा रहा है कि अभी कार्यकाल भी छोटा है इसलिए दोबारा अवसर मिला सकता है। हालांकि मऊगंज विधायक के कुछ समर्थकों ने अन्य नाम भी बताए हैं।

अंदर की बात..
मध्यप्रदेश में रीवा को राजनीतिक समझ का बड़ा केन्द्र माना जाता है। यहां हर छोटे-बड़े काम के लिए नेताओं की अपनी अलग राजनीतिक कूटनीति होती है। रीवा में भाजपा जिला अध्यक्ष पद के लिए दो गुटों में पार्टी बंटी थी। एक गुट उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला का है तो दूसरा गुट भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का। वीडी शर्मा के पास संगठन की कमान है, इसलिए राजेन्द्र शुक्ला सीधे तौर पर मुकाबला करने में कमजोर पड़ रहे थे। यहां पर शुक्ला ने अपनी राजनीतिक समझ का फायदा उठाया। वह अपने चहेते केपी त्रिपाठी को अध्यक्ष बनाना चाहते थे लेकिन सफल होते नहीं दिखे तो वैश्य समाज के वीरेन्द्र गुप्ता का नाम आगे बढ़ाया। उनके लोगों ने खुलकर वीरेन्द्र का नाम लिया। हालांकि अंदरखाने शुक्ला गुट वीरेन्द्र को भी नहीं चाहता। वह तो शहर के वैश्य समाज को खुश रखने के लिए एक चाल थी। सूत्र बताते हैं कि इस गुट ने माया सिंह पटेल का नाम भी आगे बढ़ाया है ताकि वैश्य समाज को यह कहकर संतुष्ट किया जा सके कि उनकी ओर से नाम बढ़ाया गया था लेकिन महिला को अवसर मिला है। हालांकि वीडी शर्मा गुट भी पूरी तैयारी में है। उसने भी महिला वर्ग से ममता गुप्ता और प्रज्ञा त्रिपाठी और कुछ आदिवासियों का नाम आगे बढ़ाया है। रीवा में अध्यक्ष पद का चयन कई चुनौतियां पार्टी के सामने पेश करेगा।

 

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