Pittu sports game new guideline 
भोपाल। गांवों का पुराना खेल ‘गिप्पी गेंद’ अब नए स्वरूप में लौट आया है। सरकार ने इसे खेल कैलेंडर में शामिल कर लिया है। यह अब पिट्टू खेल के नाम पर खेला जाएगा। इसके साथ ही सभी कालेजों को निर्देश मिले हैं कि वह अपने यहां छात्रों को इसके लिए तैयार करें। इसी साल से प्रतियोगिताओं में शामिल होकर जिला और संभाग स्तर की टीमें गठित गठित कर प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में शामिल कराने के लिए भेजा जाएगा।

नई शिक्षा नीति में छात्रों को पुरानी परंपराओं से भी अवगत कराने का प्रावधान किया गया है। इसी के तहत उच्च शिक्षा विभाग ने अपने खेल कैलेंडर में पिट्टू (pittu )और मलखंभ को शामिल किया है। यह पहला मौका होगा जब गिप्पी गेंद का आयोजन सरकारी तौर पर होगा और इसमें खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।  विंध्य का यह काफी लोकप्रिय खेल रहा है, खासतौर पर गांवों में यह अब भी खेला जाता है। पहले इसकी बड़ी लोकप्रियता हुआ करती थी लेकिन अब धीरे-धीरे दूसरे खेलों की ओर बढ़ती लोकप्रियता और आगे बढ़ने के अवसर होने की वजह से गिप्पी गेंद का महत्व कम होने लगा है।

सरकार ने यह भी कहा है कि इसके लिए विशेष अभियान चलाकर छात्रों को प्रशिक्षित किया जाए ताकि वह अन्य खेलों की तरह इसमें भी कड़ी स्पर्धा दे सकें। पीएम श्री कालेज रीवा के खेल प्रभारी हबीब खान ने बताया कि वीडियो कांफ्रेंसिंग में पिट्टू को लेकर निर्देश मिले हैं, इसके लिए खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। वहीं कन्या महाविद्यालय की खेल प्रभारी शिल्पा शर्मा ने कहा कि अभी उन्हें शासन का निर्देश नहीं मिला है।

नए नियमों की अभी कालेजों को जानकारी नहीं
खेल कैलेंडर में शामिल करने के साथ ही पिट्टू को प्रचारित करने की जिम्मेदारी कालेजों को मिली है। साथ ही पिट्टू फेडरेशन द्वारा बनाए गए नियमों की गाइडलाइन भेजी गई है। कालेजों के सामने अभी असमंजस की स्थिति यह है कि फेडरेशन के नियमों को ही मान्य किया जाएगा या फिर शासन की ओर से नई गाइडलाइन जारी की जाएगी। इसको लेकर मार्गदर्शन मांगने की तैयारी की जा रही है। विंध्य क्षेत्र का पुराना खेल नए स्वरूप में आ रहा है, इस कारण यहां कालेजों के प्रशिक्षकों के साथ ही छात्रों में भी अच्छा खासा उत्साह देखा जा रहा है।

सात खिलाड़ी होंगे जिसमें छह खेलेंगे
पिट्टू फेडरेशन के नियम लागू हुए तो दोनों टीमों में सात-सात खिलाड़ी शामिल किए जाएंगे। जिसमें छह मैदान में उतरेंगे, एक खिलाड़ी अतिरिक्त रहेगा। इसमें स्ट्राइकर टीम से तीन-तीन की संख्या में खिलाड़ी मैदान में उतरेंगे। वहीं डिफेंडर टीम के सभी छह खिलाड़ी मैदान में होंगे। गेंद टेनिस बाल की तरह होगी लेकिन यह शाफ्ट रहेगी ताकि खिलाड़ियों को चोट नहीं लगे। इनके लिए मैदान की एक निर्धारित सीमा रहेगी। जिसमें ग्राउंड की लंबाई २६ मीटर और चौड़ाई 14 मीटर होगी। तीन मीटर की डेंजर लाइन होगी। पिट्टू और स्ट्राइकर के बीच की दूरी चार मीटर रहेगी, जहां से उसे बाल के जरिए पिट्टू को गिराना होगा। इस मैदान के चारों ओर 1 मीटर का हेल्पिंग जोन होगा। मैदान को दो बराबर भागों में बांटा गया है, जिसमें एक तरफ स्ट्राइकर टीम और दूसरी तरफ डिफेंडर टीम रहेगी। मैदान के चारों ओर नेट लगाया जाएगा ताकि बाल बाहर नहीं जाए।

जनवरी से होंगे कालेजों में आयोजन
पहली बार गिप्पी गेंद को पिट्टू के रूप में शामिल किया जा रहा है। इसी महीने से कालेजों में खेल प्रतियोगिताएं शुरू हो रही हैं। इसलिए छात्रों को समझने का समय नहीं मिलेगा। इस कारण खेल कैलेंडर में 15 से 17 जनवरी तक कालेजों में इसकी टीमें चयनित की जाएंगी। जिला और संभाग के बाद राज्य स्तरीय स्पर्धा इंदौर में छह से आठ फरवरी के बीच खेली जाएगी। इसमें पहली बार ही महिला-पुरुष दोनों वर्गों की प्रतियोगिताएं होंगी।
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