रीवा। अगस्त क्रान्ति के महानायक अमर शहीद लाल पद्मधर सिंह को उनकी शहाहद दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। शासकीय ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय स्थित शहीद की प्रतिमा में माल्यापर्ण कर लोगों ने उनके बलिदान को याद किया। इस मौके पर लाल पद्मधर सिंह के भतीजे लाल विक्रम सिंह भी मौजूद रहे।

अधिवक्ता लाल घनश्याम सिंह ने कहा कि लाल धीर सिंह कृपालपुर के वंश में पद्मधर सिंह ने जन्म लिया और बचपन से ही वह क्रांतिकारी स्वभाव के थे। उन्होंने देश के विभिन्न क्षेत्रों से शिक्षा के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आए छात्रों का नेतृत्व किया था। उस दौर में पद्मधर सिंह राष्ट्रीय स्तर के छात्र नेता थे।

इतिहासकार असद खान ने कहा कि लाल पद्मधर सिंह के पूर्वज सन 1857 क्रांति के महान योद्धा लालधीर सिंह ने देश की आजादी के लिए कुर्बानी दी थी। भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान 12 अगस्त 1942 को इलाहाबाद युनिवर्सिटी के छात्रों के आन्दोलन का नेतृत्व लाल पद्मधर सिंह कर रहे थे। उसी दौरान अंग्रेजों की गोली उनके सीने को भेद गई। पर राष्ट्रध्वज मरणोपरान्त भी उनकी मुठियों में जकड़ा था। उसे गिरने नहीं दिया था।

टीआरएस कालेज की प्राचार्य डॉ. अर्पिता अवस्थी ने कहा कि शहीद पद्मधर की प्रतिमा कालेज परिसर में होने से यहां के छात्र उनसे प्रेरणा लेते हैं। इस दौरान सेवानिवृत्त डीआईजी उदय प्रताप सिंह, आदित्य प्रताप सिंह, अखण्ड प्रताप सिंह चौहान, कुंवर बहादुर सिंह, हिम्मत सिंह, महेश प्रताप सिंह, सुरेश प्रताप सिंह, पंकज सिंह, रमेश सिंह कर्चुली, विजय सिंह, डॉ अजय शंकर पाण्डेय, डॉ संजय शंकर, रावेन्द्र सिंह, देवेन्द्र सिंह सोमवंशी, प्रमोद सिंह, ओम प्रकाश गुप्ता, सरकार सिंह परिहार सहित कई अन्य मौजूद रहे।

श्रद्धांजलि अर्पित की गई
टीआरएस कालेज में शहीद पद्मधर सिंह की प्रतिमा में श्रद्धा सुमन अर्पित करने कई लोग पहुंचे। इस दौरान मीसाबंदी सुभाष श्रीवास्तव ने शहीद पद्मधर के बाल्यकाल से लेकर शहादत के किस्से लोगों को बताए। उन्होंने कहा कि अदम्य साहस के धनी थे। इस दौरान संजय शंकर मिश्र, चंद्रकांत मिश्रा, नीलम मिश्रा, पूनम मिश्रा, साकेत श्रीवास्तव सहित अन्य छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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