रीवा। टीआरएस कालेज को नैक की ए ग्रेड फिर से मिली है। लगातार तीसरी बार अपना ग्रेड बरकरार रखने में कालेज प्रबंधन कामयाब रहा है। अब नैक की ग्रेडिंग कालेज के लिए काफी महत्वपूर्ण कर दी गई है। सरकार द्वारा वित्तीय सहायता मिलने का क्रम जारी रहेगा। जिसमें शोध, नवाचार, खेल एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को और बल मिलेगा। नई शिक्षा नीति में अच्छे ग्रेड वाले कालेजों को सरकार की ओर से प्रोत्साहित किए जाने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है।
इस बार नैक का मूल्यांकन कराने टीआरएस कालेज प्रबंधन के लिए चुनौती भरा रहा है। कोरोना काल के बाद से कालेज में भ्रष्टाचार को लेकर बड़ी कार्रवाई की गई। तीन पूर्व प्राचार्यों के साथ ही कई प्रोफेसर्स और कर्मचारियों के विरुद्ध ईओडब्ल्यू द्वारा एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद से शिक्षकों और कर्मचारियों का मनोबल गिरा हुआ था। इस बीच तैयारियों शुरू की गईं और करोड़ों रुपए खर्च कर नया इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया। इसके बावजूद कई कमियां ऐसी रहीं जिनकी वजह से ए प्लस ग्रेड पाने से चूक गए।
कुछ दिन पहले ही नैक पीयर टीम के चेयर पर्सन डॉ. बोदा वेंकट रतनम, मेंबर को-आर्डिनेटर डॉ. भूपिन्दर सिंह चड्ढा तथा मेंबर डॉ. सुब्रत चटर्जी आदि ने दो दिनों तक कालेज में निर्धारित मानकों के अनुसार मूल्यांकन का कार्य किया था। जिसमें अकादमिक और प्रशासनिक गतिविधियों को भी देखा गया था। टीआरएस कालेज के आईक्यूएसी समन्वयक प्रो.एसपी शुक्ला ने बताया कि इस बार ७२ प्रतिशत अंक आनलाइन डाटा के आधार पर मिले हैं। जिस समय पर कालेज की ओर से आवेदन किया गया था, उस दौरान कुछ संसाधन कमजोर थे। बाद में शिक्षकों की नियुक्ति सहित अन्य व्यवस्थाएं लेकिन आवेदन की स्थिति में मूल्यांकन के चलते ए प्लस से वंचित रह गए।
—
– इन कमियों के चलते ए प्लस नहीं मिला
टीआरएस कालेज ने नैक के मानकों के अनुसार व्यवस्थाएं तो की थी लेकिन कुछ कमियां रह गईं जिसकी वजह से ए प्लस पाने से वंचित रह गए। इसमें प्रमुख रूप से पुरा छात्रों की गतिविधियां कमजोर होने की वजह भी रही है। जिन कालेजों में पुरा छात्र वित्तीय सहयोग देते हैं उसके अंक अधिक मिलते हैं। यूजीसी के प्रोजेक्ट भी अब कम हो गए हैं। छात्र-छात्राओं के लिए जरूरत के हिसाब से हॉस्टल की सुविधा भी कमजोर है। यहां पर शिक्षकों की कमी भी समस्या बनी है। नियमों के अनुसार ४० छात्रों के बीच एक शिक्षक होना चाहिए लेकिन टीआरएस कालेज में करीब डेढ़ सौ छात्रों के बीच एक शिक्षक की पदस्थापना है। आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था भी कमजोर हुई है।
——————
ग्रेड बरकरार पर सीजीपीए अंक घटे
टीआरएस कालेज में नौ वर्षों के बाद नैक का मूल्यांकन हुआ। इसके पहले वर्ष 2016 में नैक की टीम ने निरीक्षण किया था। उस दौरान 3.35 सीजीपीए अंक टीआरएस कालेज को मिले थे। इस बार यह अंक घटकर 3.10 सीजीपीए मिले हैं। ग्रेड पुरानी ही है, लेकिन सीजीपीए कम होने से आंशिक तौर पर अनुदान में असर पड़ सकता है।
—
नोडल का दर्जा बरकरार
टीआरएस कालेज कुछ वर्ष पहले प्रदेश में सबसे अच्छी नैक की ग्रेड हासिल करने वाला कालेज माना जा रहा था। सरकार ने इसे नोडल घोषित करते हुए कई जिलों में दूसरे कालेजों को तैयारी कराने के लिए जिम्मेदारी सौंपी है। इसके लिए प्रो.एसपी शुक्ला सहित अन्य प्रोफेसर्स की टीम है जो दूसरे जिलों में जाकर तैयारियां करने में मदद करती है।
— —
–
नैक की टीम ने मूल्यांकन किया था, जिसकी ग्रेडिंग का सॢटफिकेट जारी हुआ है। पूर्व की तरह इस बार ए ग्रेड प्राप्त हुआ है। कई महीने शिक्षक और कर्मचारी लगातार प्रयास में जुटे रहे। अब प्रयास होगा कि आने वाले दिनों में संसाधनों की वृद्धि कर जरूरी मानकों को पूरा किया जाए ताकि आगे और बेहतर ग्रेड प्राप्त हो।
प्रो. अर्पिता अवस्थी, प्राचार्य टीआरएस कालेज रीवा
———–