लखनऊ के सिविल कोर्ट दिनदहाड़े गोलियों से भूनकर मारा गया कुख्यात गैंगस्टर संजीव जीवा सबसे बड़ा डॉन बनना चाहता था। पश्चिमी यूपी में संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा खौफ का पर्याय माना जाता था।
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जीवा ने 1997 में मंत्री का मर्डर कर जरायम की दुनिया में कदम रखा था। बागपत जेल में मारे गए मुन्ना बजरंगी के साथी मुख्तार अंसारी का बेहद करीबी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की बुधवार को लखनऊ कोर्ट में गोली मारकर हत्या कर दी गई।
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वहीं, कोर्ट के अंदर एक बच्ची को भी गोली लगी है। उधर, पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है। वकील की ड्रेस में आए शूटरों ने कोर्ट के अंदर ही संजीव जीवा पर गोलीबारी शुरू कर दी। इस गोलीबारी में संजीव मारा गया। जबकि एक बच्ची को भी गोली लग गई।
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जीवा की क्राइम कुंडली…
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यूपी के मुजफ्फनगर का रहने वाला था संजीव उर्फ कुख्यात जीवा
nसंजीव 90 के दशक में मुजफ्फरनगर में एक दवाखाना संचालक के यहां कंपाउंडर की नौकरी करता था। ये दवाखाना चलाने वाला खुद झोलाछाप डॉक्टर था। पैसा कमाने की ललक में उसने एक दिन अपने मालिक को ही अगवा कर लिया और बड़ी फिरौती की मांग की। इसके बाद 1992 में उसने कोलकाता के एक कारोबारी के बेटे का अपहरण कर २ करोड़ की फिरौती मांगी। जिसने रातोंरात उसे अपराध की दुनिया में मशहूर कर दिया।
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इसके बाद फरवरी 1997 को उसका नाम भाजपा नेता ब्रम्हदत्त द्विवेदी की हत्या में सामने आया। जिसके बाद उसका खौफ पूरे पश्चिम यूपी में हो गया।
nहरिद्वारा के नाजिम गैंग से शुरू हुआ सफर मुख्तार पर खत्म
nजरायम में बढ़ते कदम को देखते हुए उसे हरिद्वार के कुख्यात नाजिम ने अपने गैंग में शामिल कर लिया। कुछ ही दिन बाद वह सत्येंद्र बरनाला के गैंग में शामिल हो गया पर दिल में अपना गैंग बनाने की तड़प उसे किसी के साथ नहीं रहने दे रही थी। अचानक उसका नाम फरवरी 1997 को हुई भाजपा के कद्दावर नेता ब्रम्हदत्त द्विवेदी की हत्या में सामने आया।
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nगैंगस्टर संजीव जीवा माहेश्वरी ने 10 फरवरी, 1997 में फर्रुखाबाद में पूर्व कैबिनेट मंत्री ब्रहमदत्त द्विवेदी की हत्या कर अपराध की दुनिया में कदम रखा था। मंत्री की हत्या करने के बाद उसका नाम पूरे देश में सुर्खियों में आ गया था। यहीं से उसकी कुख्यात मुन्ना बजरंगी से नजदीकियां बढ़ गईं थीं। इसके बाद 2005 में गाजीपुर के भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित छह लोगों की हत्या में बजरंगी और जीवा को पुलिस ने आरोपी बनाया था।
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nमुख्तार अंसारी का राइट हैंड संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा का पश्चिमी यूपी में बड़ा खौफ था। बताया गया कि मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद से वह बड़ा डॉन बनना चाहता था। पश्चिमी यूपी में संजीव जीवा का ऐसा खौफ था कि लोग उसके नाम ही कांपते थे। वह फिलहाल जेल के अंदर सजा काट रहा था लेकिन, उसके नाम भी लोग कांपते थे। वहीं, बुधवार को जब संजीव जीवा के लखनऊ कोर्ट में मारे जाने की सूचना पश्चिमी यूपी के लोगों को लगी तो उन्होंने बड़ी राहत की सांस ली है।
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nचर्चित विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी जीवा का नाम सामने आया था। जीवा ने उस दिन विधायक की कार के बोनट पर चढ़कर AK-47 चलाई थी। इस बात की कई दिनों तक चर्चा हुई। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा पर दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए। इनमें से 17 मामलों में संजीव बरी हो चुका था। उसकी गैंग में 35 से ज्यादा सदस्य हैं। वहीं, संजीव पर जेल से भी गैंग ऑपरेट करने के आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में उसकी संपत्ति भी प्रशासन द्वारा कुर्क की गई थी।