Friday, February 7

अनिल अग्रवाल फाउंडेशन ने अपने पशु कल्याण परियोजना द एनिमल केयर आर्गेनाइजेशन के तहत राजस्थान स्थित रामगढ़ के विषधारी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघ की संख्या बढ़ाने के लिए एक साझेदारी की है।

वन्य जीव संरक्षण के अंर्तगत टाको रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व को एक करोड़ रुपए की अनुदान राशि देगा। इस राशि का इस्तेमाल क्षेत्र में अवैध शिकार और उसे रोकने के लिए गश्त बढ़ाने के लिए किया जाएगा।

टाको परियोजना के तहत दिए गए अवैध शिकार विरोधी शिविर सौर उर्जा से संचालित होगें। टाको इसके लिए दो गश्ती वाहन भी उपलब्ध कराएगा, जिससे वन्य जीव संरक्षण के लिए क्षेत्र का सघन मुआयना किया जा सके.निगरानी के संसाधनों को बढ़ाना उद्देश्य
संगठन का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में निगरानी के संसाधनों को बढ़ाना है, जिससे वन्य जीवों के भविष्य की सुरक्षा की जा सकें, साथ ही उनके पारिस्थितिकी वातावरण की भी सुरक्षा की जा सके।

टाको के अंर्तगत लगाए गए अवैध शिकार विरोधी शिविर, अवैध शिकार के खिलाफ वन्य जीवों की रक्षा करने में एक महत्वपूर्ण पंक्ति के रूप में कार्य करेंगे और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाएंगे, जिससे रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व की बहुमूल्य वनस्पतियों और जीवों की रक्षा होगी।

इसके अतिरिक्त, निगरानी वाहन रिजर्व में गश्त के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगे। वेदांता की सामाजिक इकाई, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के सानिध्य में टाको की स्थापना प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने च्वन हेल्थज् दृष्टिकोण के आधार पर की। जिसका लक्ष्य वन्य जीव संरक्षण और वनों में रहने वाले जानवरों की भलाई के लिए एक ठोस और पारिस्थितिकी तंत्र बनाना रखा गया।

-टाइगर रिजर्व जैव विविधता का खजाना
टाको की एंकर और वेदांता लिमिटेड की कार्यकारी निदेशक प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने कहा, च्रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व जैव विविधता का खजाना है और जीव-जंतुओं के शौकीनों के लिए स्वर्ग है। टाइगर रिजर्व की टाको के साथ इस साझेदारी से वन्य जीवों की सुरक्षा अधिक मजबूत होगी। इसके साथ ही वन्य जीवों के लिए वन में रहने की परिस्थितियां अधिक अनुकूल बन सकेगी। हम सभी जानते हैं कि कल के दिन को अंतराष्ट्रीय टाइगर दिवस के रूप में मनाते हैं और ऐसे समय में टाको की यह साझेदारी वन्य जीव संरक्षण के हमारे विस्तृत लक्ष्य और प्रयासों का संदेश राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने में कारगर होगी। यह साझेदारी भारत के जैव-विविध पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करने और मनुष्यों और जानवरों के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता का भी एक प्रमाण है।

राजस्थान के दक्षिणपूर्वी भाग में स्थित, 1502 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला, बूंदी में रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व को वर्ष 2022 में बाघ रिजर्व के रूप में अधिसूचित किया गया था और यह राज्य का चौथा बाघ रिजर्व है। वन्यजीव प्रेमियों के लिए यहां सफारी की भी सुविधा है। रामगढ़ टाइगर रिजर्व को जैव विविधता का हॉटस्पॉट कहा जा सकता है, जिसमें बाघ, पैंथर, स्लॉथ भालू, जंगली बिल्ली, एशियाई वाइल्डकैट, पाम सिवेट और पक्षियों की कई प्रजातियों सहित उत्कृष्ट वनस्पतियों और जीवों की एक विस्तृत श्रृंखला है। हाल ही में रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में तीन शावकों का जन्म हुआ, जिससे रिजर्व में बाघों की संख्या पांच हो गई।

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