रीवा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश पर प्रदेश स्तर पर गठित की गई टीम ने रीवा जिले के स्टोन क्रेशर्स का निरीक्षण करने पहुंचे। जिले के 13 स्टोन क्रेशर का परीक्षण कर वहां पर पर्यावरणीय मानकों को देखा गया। कई जगह मनमानी रूप से संचालन पाया गया तो कुछ स्थानों पर व्यवस्थाओं के नाम पर खानापूर्ति पाई गई है। अब सभी स्टोन क्रेशर की जांच का प्रतिवेदन एनजीटी के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। जहां पर मामले में सुनवाई के बाद अगली कार्रवाई तय होगी।

एनजीटी में अतुल जैन और बीके माला की ओर से याचिका दायर की गई थी। जिस पर खनिज, पर्यावरण, राजस्व और पुलिस अधिकारियों की संयुक्त टीम गठित कर सत्यापन कराने का निर्देश दिया गया था। इस टीम में भोपाल के भी कई अधिकारियों को शामिल किया गया था। भोपाल से अधिकारी सुबह पहुंचे और रीवा के अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से निरीक्षण किया। इस दौरान याचिका दायर करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता बीके माला भी मौजूद रहे।

जांच के दौरान सेंट्रल प्रदूषण नियंत्रण की ओर से सुनील कुमार मीणा, स्टेट कमेटी सिया से जयप्रकाश शुक्ला, रीवा के प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी डीएस बाल्मीक, खनिज विभा के क्षेत्रीय अधिकारी एमएस पांडेय, जिला खनिज अधिकारी दीपमाला तिवारी, हुजूर तहसीलदार शिवशंकर शुक्ला, नौबस्ती चौकी प्रभारी अंकिता मिश्रा के साथ ही अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

इन स्टोन क्रेशर्स पर जांच करने पहुंची
पहले दिन जांच के दौरान महादेव स्टोन क्रेशर खम्हरिया, त्रिमूर्ति स्टोन क्रेशर बैजनाथ, एमआर स्टोन क्रेशर बैजनाथ, सहारा स्टोन प्रोडक्ट बैजनाथ में तीन प्लांट, ब्रम्हशक्ति स्टोन क्रेशर बैजनाथ, नारायण स्टोन भोलगढ़, शारदा स्टोन क्रेशर भोलगढ खम्हरिया, रामप्रेम स्टोन क्रेशर बैजनाथ, शारदा स्टोन बैजनाथ, वृंदावन स्टोन बैजनाथ, आरुष इंटरप्राइजेज स्टोन क्रेशर भोलगढ़ खम्हरिया आदि में जांच की गई। इसमें शारदा स्टोन क्रेशर, सहारा स्टोन क्रेशर, न्यू सहारा स्टोन क्रेशर आदि बंद पाए गए हैं।
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