Friday, February 7

रीवा। जनसंघ के समय से अब तक भाजपा को स्थापित करने में अहम भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ नेता केशव पांडेय(91) का निधन हो गया है। बीते कुछ समय से वह अस्वस्थ चल रहे थे। निधन की खबर लगते ही उनके आवास पर भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ अन्य लोग पहुंचने लगे और श्रद्धांजलि अर्पित कर परिवार के सदस्यों को ढाढ़स बंधाया। पांडेय मीसा बंदी भी रहे हैं, इस कारण उनके निधन पर प्रशासन की ओर से राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। एसडीएम अनुराग मिश्रा सहित अन्य ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। दोपहर बाद पार्थिव शरीर भाजपा कार्यालय में रखा गया जहां पर कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की। सायं उनके पहडिय़ा स्थित आवास में पार्थिव शरीर ले जाया गया। परिजनों ने कहा है कि अंतिम संस्कार बुधवार को बनारस में होगा। सुबह पहडिय़ा से कुछ समय के लिए पैतृक गांव बड़ी हर्दी पार्थिव शव ले जाया जाएगा, जहां से बनारस के लिए रवाना किया जाएगा।

लंबे संघर्षों का जीवन केशव ने जिया
भाजपा के वरिष्ठ नेता योगेन्द्र शुक्ला ने बताया कि विंध्य क्षेत्र में जनसंघ को स्थापित करने में भी केशव पांडेय की बड़ी भूमिका रही है। पंचायतीराज व्यवस्था प्रारंभ होने पर वह अपने गांव बड़ी हर्दी(सिरमौर) के पहले सरपंच निर्वाचित हुए थे। जनसंघ में जिला अध्यक्ष रहे और राष्ट्रवाद की अलख जगाने विंध्य के हर क्षेत्र में प्रवास करते रहे। भाजपा को रीवा में स्थापित करने के लिए भी उन्हें याद किया जाता है। इसलिए कार्यकर्ता उन्हें पार्टी का पितृ पुरुष भी कहते रहे हैं, जिला अध्यक्ष, संगठन मंत्री सहित प्रदेश में अनुशासन समिति के अध्यक्ष भी रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय परिषद में भी कई बार सदस्य रहे। मीसा आंदोलन में सक्रिय रहते हुए 19 महीने जेल में रहे। ये जनसंघ के कार्यकर्ताओं की आखिरी पीढ़ी थे। अटल बिहारी वाजपेयी, कुशाभाऊ ठाकरे के साथ भी काम किया है। इनके पुत्र राजेश पांडेय वर्तमान में भाजपा संगठन में प्रदेश मंत्री हैं। राजनीति के बाहर भी लोगों से इनके अच्छे संबंध रहे हैं। महाराजा मार्तंड सिंह के प्रमुख दरबारियों में से एक थे।

छह बार चुनाव लड़े
जिस दौर में विंध्य में कांग्रेस और समाजवाद की लहर थी, उस समय केशव पांडेय सहित कुछ चिन्हित नेता ही थे जो पार्टी को स्थापित करने संघर्ष कर रहे थे। वर्ष 1962 में जनसंघ से मनगवां, 1977 में जनता पार्टी से मऊगंज, 1980 में भाजपा से मनगवां, 1985 में भाजपा से गुढ़, 1990 और 1993 में मऊगंज से भाजपा के प्रत्याशी रहे। पार्टी का प्रमुख चेहरा होने की वजह से अलग-अलग सीटों से चुनाव लड़ते रहे। कहा जाता है कि उस दौर में चुनाव में प्रत्याशी उतारना भी बड़ी चुनौती हुआ करती थी। जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष भी जनता पार्टी की सरकार में रहे।
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शोक सभा आयोजित की गई
लोकतंत्र सेनानी (मीसा बंदी) केशव प्रसाद पांडेय के निधन पर समाजवादी जन मोर्चा की ओर से शोक संवेदना व्यक्त की गई है। मोर्चा के नेता कौशल सिंह, बृहस्पति सिंह, अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह, मीसा बंदी रामेश्वर सोनी, माहेश्वरी त्रिपाठी, धीरेश सिंह गहरवार, उदयराज सिंह, रामराज पटेल, सत्येन्द्र तिवारी आदि ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए आपातकाल में 19 माह तक जेल में मीसा के तहत निरुद्ध रहे, लेकिन माफी नहीं मांगा। जीवन पर्यंत सुचिता की राजनीति की। वहीं राज्य अधिवक्ता परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष अखंड प्रताप सिंह, अनंत शयनम शास्त्री, राजेन्द्र शिकरवार सहित अन्य ने शोक संवेदना व्यक्त की है। किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रतमणि त्रिपाठी ने भी शोक जाहिर किया है।

भाजपा ने पितृपुरुष के निधन पर व्यक्त की संवेदना
भाजपा में पितृ पुरुष कहे जाने वाले केशव पांडेय के निधन पर पार्टी नेताओं ने शोक संवेदना व्यक्त की है। जिसमें उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला, जिला अध्यक्ष अजय सिंह, सांसद जनार्दन मिश्रा, विधायक नागेन्द्र सिंह, दिव्यराज सिंह, सिद्धार्थ तिवारी, नरेंद्र प्रजापति, निगम स्पीकर व्यंटेश पांडेय, प्रज्ञा त्रिपाठी, वीरेंद्र गुप्ता, राजेंद्र पांडेय, कमलेश्वर सिंह, रमेश गर्ग, अशोक सिंह गहरवार, ममता गुप्ता, माया सिंह, जयंत खन्ना, संजय द्विवेदी, उमाशंकर पटेल, मनीषा पाठक, डॉ केके त्रिपाठी, सतीश सिंह, बृजेन्द्र गौतम सहित अन्य ने शोक संवेदना जाहिर की है। मऊगंज के जिला अध्यक्ष राजेन्द्र मिश्रा ने भी कहा है कि उन्होंने अपनी राजनीति केशव पांडेय के संघर्षों को देखकर शुरू की थी।

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