रीवा। वन विभाग के कर्मचारियों ने लकड़ी का अवैध परिवहन करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। दो ट्रकों में लादकर ले जाई जा रही लकड़ी की सूचना डीएफओ को मिली थी, जिस पर उन्होंने घेराबंदी कराकर जांच कराई तो इसमें फर्जी टीपी होना पाया गया। दोनों ट्रकों की लकड़ी जब्त करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। यह कार्रवाई वन विभाग के चाकघाट वन परिक्षेत्र के कर्मचारियों द्वारा की गई।

वनरक्षक द्वारा संदिग्धता के आधार पर साल लकड़ी का परिवहन करते हुए पाए गए 2 ट्रकों को रोककर दस्तावेजों की जांच की तो पूरा मामला संदिग्ध पाया गया। वन अवरोध नाका चाकघाट पर ट्रकों को रोककर अन्य अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी गई। जांच के दौरान ट्रक चालकों द्वारा प्रस्तुत किए गए परिवहन अनुज्ञा पत्र (टीपी) के अवलोकन से संदिग्धता और बढ़ी। तुरंत उत्तर प्रदेश वन विभाग के अधिकारियों से संपर्क पर पुष्टि की गई, जिन्होंने स्पष्ट किया कि अनुज्ञा पत्र पूर्णत: फर्जी हैं।

जानकारी मिलने पर साल की लकडिय़ों से भरे दोनों ट्रक वन विभाग द्वारा जब्त किए गए, इनमें 65 टन साल की लकड़ी लदी हुई पाई गई है। इन्हें प्रभागीय वन अधिकारी ओबरा, उत्तर प्रदेश की ओर से टीपी जारी की गई थी। जांच के दौरान संबंधित अधिकारियों ने कहा है कि यह फर्जी है।
ट्रक ड्राइवर शाहरुख और सहायक शहजाद से पूछताछ में पता चला है कि अवैध परिवहन का सरगना निसार अली उर्फ हाजी है, जिसकी तत्कालीन लोकेशन शहडोल में पता चली। जिस पर डीएफओ अनुपम शर्मा ने रीवा से गौरव सक्सेना के नेतृत्व में टीम शहडोल भेजी। शहडोल और रीवा वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई से हाजी को पकड़ लिया गया। हाजी को पूछताछ के लिए रीवा लाया गया, जहां पर उसने अपने काम के बारे में कई अहम जानकारियां दी हैं। उप वनमण्डल अधिकारी पूजा नागले ने पूरे मामले में हर आरोपी से विभिन्न बिन्दुओं पर पूछताछ की है।

आरोपियों से पूछताछ के बाद पता चला है कि यह लकड़ी के अवैध परिवहन का एक अंतरराज्यीय गिरोह है, जो विभिन्न राज्यों से लकडिय़ां काट कर फर्जी टीपी से उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में पहुंचाते हैं। वन विभाग ने मुख्य आरोपी निसार अली के साथ ही शाहरुख, शहजाद, सुरजीत एवं निधान सिंह को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने कहा है कि वह शहडोल जिले के पसगढ़ी से लकड़ी लेकर उत्तर प्रदेश की ओर जा रहे थे। डीएफओ ने कहा कि इस कार्रवाई में शामिल वन विभाग की टीम के सदस्यों को २६ जनवरी के दिन सम्मानित किया जाएगा।

कई राज्यों में फैला है नेटवर्क
मुख्य आरोपी निसार अली उर्फ हाजी निवासी यमुना नगर हरियाणा ने पूछताछ में वन विभाग के अधिकारियों को बताया है कि वह मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ ही उत्तर प्रदेश के कई जिलों, उत्तराखंड के रुढ़की, यमुना नगर हरियाणा, जयपुर सहित कई अन्य स्थानों पर भी लकडिय़ां पहुंचाता है। इस काम में कई राज्यों में उसके गिरोह के सदस्य हैं। वन विभाग के अधिकारी अब इसका भी पता लगा रहे हैं कि इनके इस अवैध कारोबार में अन्य किसका सहयोग प्राप्त होता रहा है।

फर्जी टीपी बनाने वाला गिरोह यूपी का
पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि उत्तर प्रदेश का साहिल उर्फ आकिब फर्जी टीपी बनाकर उपलब्ध कराता रहा है। यह कहां रहता है इसका पता आरोपियों ने नहीं बताया है। कहा है कि हर शहर में उसके आदमी रहते हैं और टीपी बनवाकर पहुंचाते हैं। इसके पहले ओबरा से ही बीते साल जुलाई में भी ऐसे ही फर्जी टीपी का एक मामला संज्ञान में आया था।
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लकड़ी के अवैध परिवहन की सूचना मिल रही थी। इसलिए चाकघाट में नाके पर जांच के दौरान ट्रकों में फर्जी टीपी पाई गई है। लकड़ी जब्त करने के साथ ही ट्रक के चालकों और सहायकों को गिरफ्तार किया गया है। एक आरोपी शहडोल से पकड़ा गया है। इनका नेटवर्क दूसरे राज्यों में भी है। पूरे मामले की जांच की जा रही है।
अनुपम शर्मा, डीएफओ रीवा
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rewa
Wood smuggling game in five states, this is how the gang was busted
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