Friday, February 7

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nरीवा। प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले की जांच करने सरकार द्वारा गठित जांच आयोग के सदस्य रिटायर्ड जज आरके वर्मा रीवा पहुंचे। शहर के राजनिवास सर्किट हाउस में रिटायर्ड जज से मिलने करीब आधा सैकड़ा से अधिक संख्या में पटवारी परीक्षा के अभ्यर्थी पहुंचे। इसमें दोनों तरह के अभ्यर्थी शामिल थे, एक वह थे जो चाहते हैं कि जल्दी नियुक्ति दी जाए और दूसरे वह जो चाहते हैं कि घोटाले की पूरी निष्पक्षता के साथ जांच की जाए और यदि गलत हुआ है तो परीक्षा निरस्त की जाए। रिटायर्ड जज ने सभी से अलग-अलग उनका पक्ष जाना।

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कई अभ्यर्थियों ने इस बात को लेकर आपत्ति दर्ज कराई कि यह जांच 31 अगस्त 2023 के पहले पूरी होनी थी लेकिन अब सितंबर का महीना भी बीतने जा रहा है। कुछ दिनों के बाद चुनाव की आचार संहिता प्रभावी हो जाएगी। जिसकी वजह से प्रक्रिया की गति रुक जाएगी। नई सरकार आने पर नियुक्तियों को लेकर क्या होगा यह तय नहीं है।

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जांच सदस्य ने अभ्यर्थियों की शिकायतें मौखिक भी सुनी और लिखित में भी दस्तावेज के साथ लिए हैं। कई लोगों ने कहा कि ग्वालियर या फिर किसी अन्य जिले में विसंगति हुई है तो वहां पर कार्रवाई होना चाहिए, पूरे प्रदेश की नियुक्ति प्रक्रिया रोकना उचित नहीं है।
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n– घोटाले के चलते पात्र अभ्यर्थी हो गए बाहर
nजांच सदस्य से मिलने पहुंचे अभ्यर्थी हरिचंद्र तिवारी ने बताया कि पटवारी भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले पर लगे कई आरोप तथ्यात्मक हैं। 17 वर्ष की आयु में कोई व्यक्ति पीजी कैसे कर सकता है और पांच साल तक संविदा पर काम भी कैसे कर सकता है। ऐसे आरोपों की वजह से निष्पक्षता के साथ जांच की जाए। कई परीक्षाओं में इसके पहले ऐसा हो चुका है और परीक्षाएं निरस्त करनी पड़ी हैं। वहीं प्रशांत, मनोज आदि ने कहा कि परीक्षा को लेकर कुछ भ्रामक जानकारियां सामने आई, जिसके चलते सीएम ने तत्काल प्रभाव से नियुक्तियां रोक दी। ऐसे में हजारों लोग जो पात्रता परीक्षा पास हुए हैं उनका बड़ा नुकसान हो रहा है। इसलिए तत्काल नियुक्तियां प्रारंभ करने की मांग उठाई है।

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