मौसम में इनदिनों फिर से बदलाव आ रहा है। गर्मी से ठंड की ओर मौसम बढ़ रहा है। यह दौर शरीर पर भी असर डालता है। खासतौर पर जब बच्चों के सेहत की बात हो तो विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। हल्की ठंडी हवा भी उन्हें नुकसान कर सकती है। अब कुछ दिनों से हल्की ठंड महसूस होने लगी है जिससे बच्चों में सर्दी-जुकाम, खांसी सहित अन्य मौसमी बीमारियां हो रही हैं। गांधी स्मारक अस्पताल और जिला अस्पताल के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञों की मानें तो मौसमी बीमारी के ज्यादातर केस सांस की समस्या वाले बच्चों के आ रहे हैं। इससे बचाव के घरेलू उपाय के तौर पर बच्चे को सीधा हवा के सम्पर्क में आने से बचाना चाहिए। जिससे ठंड लगने से बचाया जा सकता है। बिना कपड़ों के एक दम से बाहर न निकालें। रात में पंखा न चलाएं। बताया जा रहा है कि इनदिनों मौसमी बीमारियों से पीडि़त बच्चे अस्पतालों के साथ ही चिकित्सकों के क्लीनिक भी पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि हर मौसम में बदलाव के समय बच्चों के साथ ऐसी समस्याएं आती हैं। जब ठंड का मौसम जाता है और गर्मी का आता है तो अचानक से यदि बदलाव हुआ तो वह भी बच्चों के लिए नुकसानदेह हो जाता है।
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n– इन बातों का रखें ध्यान
n – रोग प्रतिरोधक क्षमता सही रहेगी तो बच्चा किसी बीमारी के चपेट में नहीं आएगा।
n- बच्चा अगर 6 महीने से कम का है तो मां का दूध ही पिलाएं।
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– छोटे बच्चों को सही आहार भी जरूरी है, समझ न आए तो चिकित्सकों की सलाह ली जा सकती है।
n- 6 महीने से एक साल तक के बच्चे को पतला खाना खिलाएं जिसमें सादी खिचड़ी या आलू को मेश कर के खिलाएं।
n – 1-2 साल तक के बच्चे को नार्मल खाने का एक तिहाई खाना खिलाएं।
n- बच्चों को बाहर की चीजें जैसे प्लास्टिक बंद नमकीन आदि, आर्टिफी़िशयल कलर वाले फ्रूट्स जूस आदि उन्हें न दिए जाएंं। इनकी वजह से दमा के लक्षण उभरते हंै।
n- 6 माह से एक साल तक के बच्चे को थोड़ा-थोड़ा घर में बनने वाला दलिया, सादी खिचड़ी, गाढ़ी डाल या खीर देना चाहिए।
n- जैसे-जैसे बच्चे के दांत निकलते हैं उनके भोजन में ठोस आहार का इस्तेमाल करना चाहिए।
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nबदलते मौसम में बच्चों की देखरेख जरूरी हो जाती है। आज कल पेरेंट्स बच्चों को खाना खिलाते वक्त टीवी चला देते हंै जिससे बच्चे बिना स्वाद लिए खाना निगलते रहते हैं। बच्चों को खाना खिलाते समय मोबाइल या टीवी कभी ना दें। उम्र के हिसाब से आहार देना चाहिए, अन्यथा नुकसान भी करता है। त्वजा से जुड़ी समस्या भी मौसम के हिसाब से आती है।
nडॉ. ज्योति सिंह, बाल्य एवं शिशु रोग विशेषज्ञ
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nबच्चों की त्वचा के साथ ही पूरा शरीर नाजुक होता है। हल्की हवा भी नुकसान कर देती है। इसलिए छोटे बच्चों को ऐसे मौसम में हवा के संपर्क में सीधा नहीं आने दें। इम्यून सिस्टम पर विशेष ध्यान रखें। उम्र और शरीर के हिसाब से खानपान भी हो। विशेष जरूरी न हो तो घर का ही बना खाना खिलाएं।
nडॉ. एनपी पाठक, शिशु रोग विशेषज्ञ
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